बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकी बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकीसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकी - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 12
गति विज्ञान
(Kinetics)
प्रश्न- गतिज विज्ञान में सन्तुलन से आप क्या समझते हैं? इसके सिद्धान्त और प्रकारों का वर्णन कीजिये?
अथवा
सन्तुलन के सिद्धान्त को समझाते हुये उसके प्रकारों का वर्णन कीजिये।
उत्तर -
जब किसी वस्तु पर कोई बल इस तरह कार्य करे कि वस्तु ना तो घूर्णन गति करे और न ही रेखीय गति करे तो वह गतिज विज्ञान में 'सन्तुलन' कहलाती है।
सरल शब्दों में किसी वस्तु पर जब कोई बल इस प्रकार से कार्यरत हो जिससे कि वस्तु ना तो रेखीय गति करे और न ही घूर्णन गति करे। इस स्थिति को हम सन्तुलन की स्थिति कहेंगे।
किसी वस्तु पर लगे सभी बलों का बीजीय योग शून्य हो जाये, तब वह वस्तु सन्तुलन की स्थिति में कही जायेगी। यानि कि किसी वस्तु पर किसी भी दिशा से अगर कोई बल लग रहा हो तो उसके विपरीत दिशा से संतुलित बल उस पर लगता है। जिससे कि वह स्थिति संतुलन में आ जाती है।
मानव शरीर के संतुलन की स्थिति में माँसपेशियां विपरीत बल लगाने का कार्य करती हैं। यहाँ पर मानव शरीर में केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बिन्दु की मुख्य और महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जितनी भी केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बिन्दु वस्तु के नीचे की तरफ होगा, उतनी ही उसके सन्तुलन की स्थिति अच्छी होगी।
सामान्य रूप से संतुलन वह स्थिति है, जिसमें विपरीत दिशा में परिवर्तन लाने वाली शक्तियां पूर्ण रूप से एक-दूसरे के बराबर होती हैं। अर्थात् उनमें परिवर्तन की प्रवृति नहीं पायी जाती है। सन्तुलन के लिये प्रयोग किया जाने वाला शब्द (Equilibrium) लैटिन भाषा के शब्द (Acquilibrium) से निकला है जिसका अर्थ है समान तुलना। गतिज विज्ञान में समान तुलना वह स्थिति है जिसमें विरोधी शक्तियाँ या प्रवृतियां एक-दूसरे को निष्प्रभाव कर देती हैं। शारीरिक शिक्षा में, जब एक बिन्दु पर विपरीत दिशाओं से बल प्रयोग किया जाता है तो बिन्दु का स्थान ज्यों का त्यों बना रहता है तो यह स्थिति सन्तुलन कहलाती है। इसी सन्दर्भ में कहा गया हैं कि किसी व्यक्ति की अपने समर्थन आधार के भीतर गुरुत्वाकर्षण की रेखा को बनाये रखने की क्षमता से तात्पर्य सन्तुलन है।
सन्तुलन के सिद्धान्त - किसी वस्तु के संतुलन की स्थिति निम्नलिखित सिद्धान्तों पर आधारित होती है-
1. केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बल बिन्दु - सन्तुलन के इस सिद्धान्त में किसी वस्तु के आधार के ऊपर केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बिन्दु स्थित रहना चाहिये तथा वस्तु की ऊँचाई को देखते हुए, जितना केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बिन्दु नीचे स्थित होगा, उतनी ही उसके सन्तुलन की स्थिति अच्छी होगी और दूसरी ओर यह केन्द्रीय गुरुत्वाकर्षण बिन्दु से ऊपर की तरफ स्थित होगा तो उस वस्तु के सन्तुलन की स्थिति में अवरोध पैदा होगा।
2. वस्तु का आधार का सिद्धान्त - किसी वस्तु का आधार जितना ही बड़ा होगा उसकी सन्तुलन की स्थिति भी उतनी ही बड़ी और अच्छी होगी, कारण वस्तु का गरुत्वाकर्षण रेखा उसके आधार के मध्य में होगी। वही इसके विपरीत गुरुत्व रेखा, आधार के बाहर चली जायेगी।
3. कार्मिक आधार सिद्धान्त - किसी मनुष्य का कार्मिक आधार सन्तुलन की स्थिति को बनाये रखने में पूर्ण रूप से सक्षम हो सकता है, इस कार्मिकी आधार पर नाड़ीय तंत्र और शरीर की इन्द्रियां (कान का मध्य भाग) सहायक होती है, जो सन्तुलन को बनाये रखती है। ज्ञातव्य रहे कि कान के भीतर (Endolymph) नामक एक तरल पदार्थ की उपस्थिति होती है जोकि शरीरिक सन्तुलन को बनाये रखने में सक्षम होती है।
4. दृष्टि और स्वायन्त नाड़ी तंत्र सिद्धान्त - इस सिद्धान्त में मनुष्य को सन्तुलन को बनाये रखने में उसकी दृष्टि (नजर) तथा स्वायत्त नाडीय तंत्र के अन्तर्गत विविध माँसपेशियों और तन्तुओं में मौजूद विशेष Kinesthtic Sense के Proprtoseptive विशेष रूप से कार्य करते हैं। क्योंकि जब माँसपेशी आदि संकुचन एवं प्रकुचन करती हैं, तो वह संबंधित नाड़ियों के तंत्र के क्षेत्र तक संदेश लेकर जाती हैं और उसकी प्रक्रिया स्वरूप अपना बेहतर कार्य करती हैं।
सन्तुलन मुख्य रूप से दो प्रकार का पाया जाता हैं-
1. स्थायी सन्तुलन - यदि किसी वस्तु को उसकी संतुलन की स्थिति से थोड़ा-सा विस्थापित करके छोड़ दिया जाये, और वस्तु पुनः अपनी पहली वाली स्थिति में आ जाए, तो हम कहेंगे की वस्तु स्थायी सन्तुलन में है। इसे अन्य शब्दों में अगर कहा जाये तो जब किसी वस्तु को विस्थापित किया जाये तो उसका गुरुत्व केन्द्र बिन्दु अपनी स्थिति से ऊपर उठ जाता है। मगर गुरुत्व केन्द्र बल, वस्तु पर अपना प्रभाव डालते हुए उसे पूर्वावस्था में लाने के लिये प्रयास करता रहता है। जिसमें वस्तु अपनी पूर्व अवस्था में वापस लौट आती है। स्थायी संतुलन का प्रयोग विभिन्न शरीरिक स्थितियों में अधिक किया जाता है।
इसके प्रमुख उदाहरण हैं-
(1) कुश्ती के खिलाड़ी, खेलों में रक्षात्मक पंक्ति (हाकी, फुटबाल, हैण्डवाल) आदि।
(2) कुश्ती में दांव लगाना।
(3) बैठने, उठने और मोड़ने की शारीरिक स्थिति।
(4) बॉलीवाल में ब्लाकिंग करना।
(5) Horizontal bor पर जिम्नास्ट घूर्णन के बाद अपनी पूर्व स्थिति में आना
2. अस्थायी सन्तुलन - इसके अन्तर्गत यदि किसी वस्तु को उसके संतुलन की स्थिति से थोड़ा भी विस्थापित करके छोड़ दिया जाता है तो संबंधित वस्तु अपनी पूर्वावस्था में नहीं आ पाती और वह एक नये सन्तुलन की स्थिति को बना लेती है। अथवा संबंधित वस्तु को विस्थापित करने पर उसके गुरूत्व केन्द्र बिन्दु को केन्द्रीय गुरूत्व बल के द्वारा नीचे लाने का प्रयास करता है, जिससे वह वस्तु पूर्वावस्था में ना आकर, नयी अवस्था में आ जाती है।
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- प्रश्न- किन्सियोलॉजी (Kinesiology) क्या है? इसके लक्ष्य एवं उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पेशीय विज्ञान के सिद्धान्त एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अंग संचालन विज्ञान से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किन्सियोलॉजी पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- शारीरिक शिक्षा में किनिसियोलॉजी की भूमिका स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- पेशीय विज्ञान का शारीरिक शिक्षा में लाभ क्या है? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- पेशियों की भूमिका से क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- पेशीय विज्ञान (गतिविज्ञान) से क्या समझते हो? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- पेशियों का विकास किन सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर किया जाता है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अंग संचालन विज्ञान की आवश्यकता एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधारभूत गतियों को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक शिक्षा में गति के नियम व उनका शारीरिक क्रियाओं में उपयोग स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधारीय गतियों को समझाइए।
- प्रश्न- गति विज्ञान के नियम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिक्रिया एवं संवेग के नियम का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- गुरुत्व केन्द्र व गुरुत्व रेखा पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- अक्ष एवं तल पर टिप्पणी लिखिये ?
- प्रश्न- शारीरिक क्रियाओं के उदाहरण के साथ परिभाषाएँ लिखिये। अथवा स्तर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अक्ष या धुरी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- अक्ष और तल में क्या संबंध है ? इनका उपयोग किसलिये होता है?
- प्रश्न- तल कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- अक्ष को अन्य किस नाम से जानते हैं ? इसके प्रकार बताइए।
- प्रश्न- शरीर में पाये जाने वाली संधियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मांसपेशी से आप क्या समझते हैं? मांसपेशियों के प्रकार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अस्थि पिंजर पेशियों के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सारटोरिअस और क्वाड्रीसेप्स पेशियों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मानव शरीर की किन्हीं दो माँसपेशियों का चित्र बनाकर खेलों में उनकी कार्यप्रणाली को समझाइए।
- प्रश्न- सन्धियों की गति की संक्षिप्त विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- स्थिर जोड़ तथा मामूली हिलन योग्य जोड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- पेशीय संकुचन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- डेल्टाइड पेशी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित मांसपेशीय के समीपस्थ एवं दूरस्थ जोड़ लिखिए -(i)बाईसेप्स, (ii)हैमस्ट्रिंग, (iii) गैस्ट्रोनोमिनिस।
- प्रश्न- मांसपेशी के समीपस्थ एवं दूरस्थ जोड़ लिखिए।
- प्रश्न- माँसपेशीय संकुचन को वर्गीकृत कीजिये।
- प्रश्न- ऐच्छिक माँसपेशियों के महत्वपूर्ण तत्व और कार्यविधि का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अनैच्छिक मांसपेशियों के प्रमुख तत्वों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- हृदय के मुख्य तत्व कौन-से हैं ? इसके मुख्य कार्य संक्षेप में बताये।
- प्रश्न- ऐच्छिक पेशी और अनैच्छिक पेशी में क्या अन्तर है ?
- प्रश्न- ऐच्छिक पेशी और अनैच्छिक पेशी और हृदय पेशी में क्या अन्तर हैं स्पष्ट कीजिये ?
- प्रश्न- मानव शरीर का माँसपेशी सिस्टम क्या है ? इसका वर्गीकरण कीजिये।
- प्रश्न- ऊपरी अग्रांग ( Upper Extremity) से आप क्या समझते हैं ? संक्षिप्त व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- निचले अग्रांग की सम्पूर्ण शृखंला को समझाये। इसका विस्तार से उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- कन्धे के जोड़ (Shoulder Joints) से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- एल्बो ज्वाइंट (कोहनी के जोड़) से आपका क्या अभिप्राय है संक्षेप में बताये?
- प्रश्न- गर्दन की गतिविधियाँ संरचना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
- प्रश्न- मानव शरीर में धड़ का क्या महत्व है ?
- प्रश्न- कूल्हे का जोड़ (Hip Joint) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-
- प्रश्न- घुटने के जोड़ की संरचना समझाये।
- प्रश्न- कुहनी के जोड़ से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- न्यूटन के गति विषय नियम की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चाल के न्यूटन के सिद्धान्तों को समझाइए एवं उदाहरण सहित इन सिद्धान्तों की खेलकूद में उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- न्यूटन के गति के तीसरे नियम को उदाहरण सहित समझायें।
- प्रश्न- क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- त्वरण के नियम सम्बन्धी सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- न्यूटन के प्रथम नियम (जड़त्व का नियम) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये
- प्रश्न- न्यूटन के गति के नियम से क्या अभिप्राय है ?
- प्रश्न- घर्षण का अर्थ और प्रकार का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं? खेल कौशल प्रदर्शित करते समय बल का प्रभावी उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है? उदाहरण सहित समझाइये।
- प्रश्न- घर्षण बल से आप क्या समझते हैं? खेलकूद में घर्षण के सिद्धान्तों का प्रयोग स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खेल खिलाड़ियों में बल और बल आघूर्ण के महत्त्व को बताइए।
- प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं ? बल के प्रकारों की व्याख्या करते हुए खेलों में इसका प्रभावी उपभोग किस प्रकार किया जा सकता है ?
- प्रश्न- बल की परिभाषा दीजिए। बल के प्रभाव तथा स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बल के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? बल के सामान्य सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बल का मात्रक क्या है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिकेन्द्रीय बल से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अपकेन्द्रीय बल पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- चुम्बकीय बल या दबाव के बल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अपकेन्द्रित बल के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- उत्तोलक को परिभाषित करते हुए वर्गीकरण कीजिए और उचित उदाहरण की सहायता से खेल में इसके उचित उपयोग को बताइए।
- प्रश्न- उत्तोलन दण्ड की कृतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "मानव शरीर एक उत्तोलक के रूप में कार्य करता है "इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- लीवर की यांत्रिक सहायता पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- खेल उपकरण का लीवर के रूप में उपयोग बताइये।
- प्रश्न- प्रथम श्रेणी के उत्तोलक की परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- उत्तोलक की भुजा व प्रकार लीजिए।
- प्रश्न- Ist क्लास लीवर और III rd क्लास लीवर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- उत्तोलक से क्या अभिप्राय है। यह कितने प्रकार का होता है ?
- प्रश्न- सरल मशीन से क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- उत्तोलक (लीवर) का मानव शरीर में क्या प्रयोग है?
- प्रश्न- शुद्ध गतिकी में चाल, वेग, त्वरण, दूरी और विस्थापन को परिभाषित कीजिये
- प्रश्न- गतिकी से संबंधित प्रमुख तथ्य कौन-से हैं ?
- प्रश्न- आदिश और सदिश राशि से आप क्या समझते हैं ? दोनों में अन्तर बताये।
- प्रश्न- शारीरिक क्रियाओं में त्वरण एवं संवेग को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं दो के बारे में लिखिये। (i) त्वरण (ii) वेग
- प्रश्न- जीव यांत्रिकी के अर्थ और क्षेत्र का विस्तापूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग एवं त्वरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। अथवा त्वरण पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- खेलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन क्या है? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- द्रव्यमान एवं भार पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- शुद्ध गतिकी से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- शुद्ध गतिकी विज्ञान में रेखीय वेग और कोणीय वेग से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- दूरी और विस्थापन में अन्तर बताये ?
- प्रश्न- चाल और वेग में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- "विराम के जड़त्व के नियम से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- गति के जड़त्व से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- त्वरण के नियम से आपका क्या अभिप्राय है ? इसे अन्य किस नाम से जाना जाता है?
- प्रश्न- शुद्ध गतिकी विज्ञान में किसका अध्ययन किया जाता है ?
- प्रश्न- जैव- यांत्रिकी का क्षेत्र स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गतिज विज्ञान में सन्तुलन से आप क्या समझते हैं? इसके सिद्धान्त और प्रकारों का वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- बल कितने प्रकार का होता है ? यह वस्तुओं को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
- प्रश्न- गति विज्ञान की आवश्यकता एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- पेशीय गति विज्ञान का शारीरिक शिक्षा एवं खेल में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ऊर्जा किसे कहते हैं ? ऊर्जा के प्रकार बतायें।
- प्रश्न- गुरुत्व केन्द्र से क्या अभिप्राय है ?
- प्रश्न- मानव शरीर में गुरुत्व केन्द्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
- प्रश्न- खेलों में गुरुत्व केन्द्र की क्या आवश्कता है ?
- प्रश्न- बल और संवेग में क्या अन्तर है ?
- प्रश्न- सन्तुलित बल और असन्तुलित बल में क्या अन्तर है ?
- प्रश्न- गतिज विज्ञान (Kinetics) के अन्तर्गत प्रमुख रूप से किसका अध्ययन किया जाता है?
- प्रश्न- 'कोणीय चाल' और 'कोणीय वेग' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- कोणीय त्वरण क्या है ? इसका सूत्र का उल्लेख कीजिये ?
- प्रश्न- गतिज विज्ञान (Kinetics) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- रेखित गति से आपका क्या अभिप्राय है ?
- प्रश्न- कोणीय संवेग क्या है ?
- प्रश्न- द्रव्यमान (Mass) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वजन (Weight) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
- प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- गति से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- दबाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- (Kinetics) और (Kinematics) में क्या अन्तर हैं ? स्पष्ट कीजिये ?
- प्रश्न- गति विज्ञान के नियम बताइए।